वक्री बुध कन्या राशि में - आपकी राशि पर प्रभाव

अक्टूबर 16, 2014 को वक्री बुध कन्या राशि में गोचर होगा। बुद्धि का कारक ग्रह बुध का गोचर आपके जीवन में कुछ न कुछ बदलाव लाएगा। देखते हैं कितने शुभ हैं ये बदलाव। जानिए पं. हनुमान मिश्रा द्वारा वक्री बुध कन्या राशि में गोचर होने से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

अक्टूबर 16, 2014 को वक्री बुध कन्या राशि में गोचर होगा।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह बुद्धि का कारक ग्रह है। इस ग्रह को पुरुष नपुंसक ग्रह माना गया है। बुध मिथुन व कन्या राशि का स्वामी ग्रह माना गया है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र ग्रह हैं जबकि चंद्रमा शत्रु। वहीं शनि, मंगलगुरु से बुध का समता का सम्बन्ध है। यह उत्तर दिशा का स्वामी है। विद्वानों का मत है कि कुण्डली में बुध का मज़बूत होना बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देता है। हाज़िर जवाब लोगों की कुण्डली में बुध ग्रह की स्थिति का अच्छी देखने को मिलती है।


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इतनी सारी खूबियों वाले ग्रह का गोचरीय बदलाव आपके लिए क्या कुछ लाया है, ये हम ज़रूर जानेंगे लेकिन संक्षेप में बता दें कि अक्टूबर 16, 2014, को बुध वक्री गति से कन्या राशि में प्रवेश करने वाला है क्योंकि इसी वर्ष यानी कि 2014 में ही यह पहले भी कन्या राशि में जा चुका है और अगस्त 29, 2014 से सितम्बर 20, 2014, तक कन्या राशि में गोचर कर चुका है। तत्पश्चात सितम्बर 20, 2014, को ही यह तुला राशि में गया था। और अब तुला राशि में ही वक्री होकर यानी कि उल्टा चलता हुआ पुन: कन्या राशि में जा रहा है। अब क्योंकि यह बुध की अपनी राशि है, इसी में बुध उच्च का होता है अत: बोलने वाले लोगों की वाचालता बढ़ सकती है। यही कारण है कि नेताओं में वाक युद्ध ज़ोरों पर हो सकता है। किसी भ्रष्ट नेता की पोल खुल सकती है। या फिर किसी नेता की संतान को लेकर या उसके खुद के प्रेम प्रसंग को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमा सकता है। बुध की यह स्थिति नवम्बर 4, 2014 तक रहेगी। 

बुध की इस स्थिति का आपकी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए जानते हैं: बुध (वक्री) गोचर कन्या में


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