आज अक्टूबर 25, 2014 को भाई दूज है। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और अधिक मज़बूती प्रदान करने के लिए मनाया जाता है। आइये हम सब मिलकर आज इस पवित्र त्यौहार को मनाएँ और इसके साथ दिवाली के पाँच दिन तक चलने वाले उत्सव का भी समापन करें।
भाई दूज दिवाली के पाँच दिनों तक चलने वाले त्यौहार का अंतिम दिन होता है। यह दिन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और अधिक मज़बूती प्रदान करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। देश के कुछ हिस्सों में इसे भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
आज का दिन लड़कियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। आज के दिन प्रत्येक लड़की अपने भाई के सुख तथा समृद्धि की कामना करती है।
भाई दूज: पूजा मुहूर्त
भाई दूज तिलक मुहूर्त: 25 अक्टूबर, मध्यान्ह 13:11 से 15:24 तक
भाई दूज: मनाने की विधि
- बहनें पहले पूजा की थाली - दिया, चावल, कुमकुम, और मीठे के साथ सजाएँ।
- फिर अपने भाई के मस्तक पर कुमकुम का टीका करें और ईश्वर से अपने भाई के दीर्घ एवं संपन्न जीवन की कामना करें।
- फिर अपने भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएँ।
- अंत में, यदि आपका भाई आपसे बड़ा हो तो पैर छूकर आशीर्वाद लें।
- इन सबके उपरांत भाई अपनी बहनों को उपहार प्रदान करें।
भाई दूज: सम्बंधित कथाएँ
दो महत्वपूर्ण कथाएँ आज के दिन से जुड़ी हुई हैं, आइये इसके बारे में जानते हैं -
यम और यमुना की कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार यम अपनी बहन यमुना से मिलने गए। जहाँ यमुना ने अपने भाई यम का स्वागत बड़े ही स्नेह के साथ उनके माथे पर तिलक लगाकर किया। यम ने उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद दिया और तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप मनाया जाने लगा।
भगवान कृष्ण और सुभद्रा की कथा
ऐसा कहा जाता है कि आज के ही दिन भगवान कृष्ण नरकासुर का वध करके वापस द्वारका पधारे थे, उस समय उनकी बहन सुभद्रा ने उनके माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया था और उनके लम्बे और सुनहरे भविष्य के लिए प्रार्थना किया था।
तो यह जानकारी थी भाई दूज के त्यौहार के बारे में। एस्ट्रोसेज की ओर से आपको भाई दूज की ढेर सारी शुभकामनायें !
आज का पर्व!आज से इस्लाम नया वर्ष प्रारम्भ होगा। आशा करते हैं की यह वर्ष आपके लिए सुमंगल साबित हो। आज से मुहर्रम भी आरम्भ होगा। मुहर्रम इस्लाम कैलेंडर का पहला महीना हैं। आज के दिन चित्रगुप्त पूजा की जाती है। चित्रगुप्त पूजा में चित्रगुप्त देव को पूजा जाता हैं जो अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं। आज वर्ल्ड पास्ता डे भी मनाया जाएगा। यह एक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव हैं।
आपका दिन मंगलमय हो!
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