हर मनुष्य को मृत्यु के बाद नरक में जाने का भय सताता है। तो उस भय से मुक्त हो जाइए और अपने द्वारा किए हुए पाप कर्मों से मुक्ति पाइए। पापांकुशा एकादशी का व्रत रख कर भयमुक्त जीवन का आनंद लीजिए और स्वर्ग जाने का मार्ग पाइए।
पापांकुशा एकादशी अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। अन्य एकादशियों की तरह, भगवान विष्णु को इस दिन पूजा जाता है। इस दिन भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है जो की भगवान विष्णु के अवतार हैं।
ऐसा माना जाता है कि जो मनुष्य इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखता है, वह मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त करता है। पापांकुशा एकादशी का एक व्रत 1000 अश्वमेध यज्ञ और 100 सूर्य यज्ञ से भी अधिक फल देता है।
पापांकुशा एकादशी से जुड़ी कथा के बारे में बात करें तो यह कथा क्रोधना नाम के शिकारी की है जिसने अपने पूरे जीवनकाल में सिर्फ अधर्म और पापकर्म किए थे। मृत्यु से एक दिन पहले उसने अंगिरा नामक संत के कहने पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा। इस व्रत के कारण उसने अपने पापकर्मों का पश्चाताप किया और मृत्यु के पश्चात उसे स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
पापांकुशा एकादशी - पंचांग
(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
समर्थ के लिए (अक्टूबर 4, 2014)
संकल्प समय: प्रातः 08:00 am से 09:29 am तक
व्रत अवधि: 06:15 am (अक्टूबर 4, 2014) से 06:16 am (अक्टूबर 5, 2014) तक
राहु काल: 09:12 am से 10:41 am तक
पराना समय: 10:58 am से 12:27 pm तक (अक्टूबर 5, 2014 को)
वैष्णव के लिए (अक्टूबर 5, 2014)
संकल्प समय: प्रातः 09:30 am से 10:58 am तक
व्रत अवधि: 06:16 am (अक्टूबर 5, 2014) से 06:16 pm (अक्टूबर 6, 2014) तक
राहु काल: 04:34 pm से 06:03 pm तक
पराना समय: 09:30 am से 10:58 am (अक्टूबर 6, 2014 को) तक
पापांकुशा एकादशी - धार्मिक क्रिया
धार्मिक क्रियाएँ व्रत के दिन बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी प्रकार, पापांकुशा व्रत की भी कुछ रस्में हैं जो इस दिन निभाई जाती हैं:
- प्रातः जल्दी उठकर साफ़ कपड़े पहन कर तैयार हों
- व्रत की सारी रस्में एकादशी से एक दिन पहले, यानि दशमी तिथि से प्रारंभ होती हैं
- इन छ: अनाजों की पूजा करें: चावल, मूंग, गेहूँ, जौं, चना और उड़द
- इस दिन कोई भी पापकर्म करने से बचें और झूठ ना बोलें
- भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए रात भर धार्मिक गीत गाएँ
- द्वादशी तिथि को व्रत समाप्त होता है
पापांकुशा एकादशी का व्रत रखें और पापकर्म और नरक में जाने से मुक्ति पाइए। पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करना स्वर्ग पहुँचने का एक बहुत ही सरल उपाय है। तो यह व्रत रखें और भगवान विष्णु को प्रसन्न करें।
आज का पर्व!आज दुर्गा विसर्जन है। इस दिन माँ दुर्गा पूजा का उत्सव समाप्त हो जाता है। माँ दुर्गा को इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा जाता है और उनकी मूर्तियाँ जल में प्रवाहित कर दी जाती हैं। आज श्री माधवाचार्य जयंती भी है। माधवाचार्य भारतीय दार्शनिक थे जो तत्त्ववादा के मुख्य प्रस्तावक थे। आज से पंचक प्रारंभ हो रहे हैं। माना जाता है कि पंचक की अवधि कुछ भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आज भरत मिलाप है। यह दिन भगवान राम 14 वर्ष के पश्चात अयोध्या आगमन और भरत से पुनर्मिलन का अभिनंदन करता है।
आपका दिन मंगलमय हो!
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