करवा चौथ 2014 - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

करवा चौथ इस बार अक्टूबर माह की 11 तारीख को पड़ रहा है। आज के दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति के भविष्य तथा दीर्घ जीवन के लिए माँ पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय तथा गणेश का पूजन करती हैं। करवा चौथ के दिन का मुहूर्त और चंद्रोदय का समय जानने के लिए आगे पढ़ें । 

आज यानि अक्टूबर 11, 2014 को करवा चौथ है।

करवा चौथ 2014: पूजा मुहूर्त 


  1. आज सूर्योदय का समय है प्रातः 06:19 और सूर्यास्त होगा सायं 05: 56।
  2. कार्तिक माह, कृष्ण पक्ष है। 
  3. तृतीया तिथि प्रातः 10:18 तक। 
  4. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ प्रातः 10:19 से 
  5. कृतिका नक्षत्र प्रातः 04:40 तक।
  6. राहु काल प्रातः 9:13 से 10:40 तक। 
  7. अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:44 से दोपहर 12:30 तक।
  8. अमृत काल प्रातः 02:18 से 03:53 तक।
  9. पूजा मुहूर्त: प्रातः 07:46 से 09:13 तक।
  10. करवा चौथ पूजा मुहूर्त: सायं काल 5:52 से 7:07 तक।
  11. चंद्रोदय: सायं 8:19 पर। 

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करवा चौथ 2014: वैवाहिक जीवन को मज़बूत बनाएँ 


भारत में करवा चौथ पारिवारिक जीवन को पूर्णता प्रदान करने वाले व्रतों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारा देश में पति - पत्नी के रिश्ते को जन्मों का साथ मानते हैं, और इस संबंध को और मज़बूती प्रदान करने के उद्देश्य से रखे जाने वाले इस व्रत का महत्व और भी अधिक हो जाता है। करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियाँ अपने जीवन साथी के स्वस्थ, दीर्घायु एवं जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की मंगलकामना के साथ पूरे दिन बिना अन्न - जल के व्रत रखती हैं और माँ पार्वती तथा उनके पूरे परिवार की विधिवत पूजा - अर्चना करती हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों में इस व्रत का बहुत अधिक महत्व है। बीतते समय के साथ - साथ लोगों के रहन - सहन में बहुत परिवर्तन हो चुका है, और उससे हमारे व्रत - त्यौहार भी अछूते नहीं रहे। करवा चौथ जो पहले केवल सुहागिनों का व्रत होता था, आजकल कुंवारी लड़कियाँ भी इस व्रत को अपने लिए अच्छे पति पाने के उद्देश्य से करने लगी हैं। 


करवा चौथ 2014: करवा चौथ मनाने की विधि एवं मान्यताएँ 

  1. इस दिन शादीशुदा स्त्रियाँ बिना अन्न और जल के पूरे दिन अपने जीवन साथी की दीर्घायु के उद्देश्य से व्रत रखती हैं। 
  2. यह व्रत सूर्योदय से प्रारम्भ हो जाता है और चंद्रमा के उदय होने पर इसका समापन होता है । 
  3. स्त्रियाँ दुल्हन की तरह सज - धज कर तैयार होती हैं और एक साथ इकठ्ठी होती हैं। 
  4. फिर सभी एक साथ करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं। 
  5. सभी महिलाएँ एक गोल घेरे में इकठ्ठी हो जाती हैं और सुहाग के सामान से सजी थाली को एक - दूसरे को बारी -बारी देकर घुमाती हैं और यह गीत गाती हैं -
    1. वीरो कुड़िये करवडा 
      सर्व सुहागन करवडा
      ए कट्टी नया अटेरी ना 
      खुम्ब चरख्रा फेरी ना 
      आर पैर पायीं ना 
      रुठ्दा मनियें ना 
      सुथडा जगाईं ना
      ले वीरा कुरिय करवाडा 
      लै सर्व सुहगन करवाडा
  6. चन्द्रमा के उदय होने के साथ ही यह व्रत समाप्त किया जाता है, चन्द्रमा को महिलाएँ एक चलनी के माध्यम से अपने पति के साथ देखती हैं। 
  7. चन्द्र दर्शन के बाद अपने पति के हाथों जल पी कर महिलाएँ अपने व्रत को समाप्त करती हैं। 

करवा चौथ 2014: करवा चौथ पर सावधानियाँ 

  1. व्रत से पहले और व्रत समापन के बाद भोजन काम मात्रा में करें। 
  2. यदि पूरे दिन बिना जल के व्रत रखा है तो प्रातः खूब पानी पी लें और यदि केवल अन्न नहीं खाना है तो दिन में खूब पानी पीयें। 
  3. व्रत के दौरान अधिक शारीरिक श्रम और किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से बचें। 
  4. यदि आप किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं, तो व्रत ना करें बल्कि सिर्फ पूजा कर लें। 

करवा चौथ 2014: करवा चौथ का महत्त्व


भारत में स्त्री शक्ति को बहुत ऊँचा दर्जा प्राप्त है। करवा चौथ भी इस नारी शक्ति के महत्त्व को दर्शाने का महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन पुरुषों के जीवन में नारी - शक्ति का क्या स्थान है और अपने जीवन साथी के लिए असहनीय कष्ट को हँसते - हँसते सहने की उनकी अद्भुत क्षमता का एहसास भी होता है। 

करवा चौथ का व्रत अत्यंत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। हम कुछ परामर्श दे रहें हैं जिससे व्रत के दौरान आपका स्वास्थ्य प्रभावित ना हो।

करवा चौथ आपके लिए शुभ और मंगलकारी हो तथा आपकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हों।


आज का पर्व!



आज संकष्टी गणेश चतुर्थी है। आज के दिन व्रत रखने से भगवान गणेश आपकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करेंगे।

आज इंटरनेशनल डे ऑफ़ गर्ल चाइल्ड है। यह दिन हमारे हमारे समाज में लड़कियों के प्रति असमानता के बारे में जागरूकता फैलाता है। 

आपका दिन मंगलमय हो !

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1 comment:

  1. Is Tyohaar ka prachalan kabse kaise hua tha jara is par bhi roshani daalein to badi kripa hogi

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