आज, यानि, 21 अक्टूबर, 2014 को धनतेरस है। आइए आज के दिन को माँ लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और स्वास्थ्य तथा आयु के देवता यम की पूजा करके मनाएँ । दिवाली उत्सव और त्यौहार का प्रारम्भ आज के दिन से हो जाता है। धन तेरस या दिवाली के पहले दिन के बारे और जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें।
धन तेरस 2014: पूजा मुहूर्त
(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
- पूजा मुहूर्त: सायं काल 07:05 से 08:15 तक
- सूर्योदय प्रातः 06:28 एवं सूर्यास्त सायं 17:41 पर
- कार्तिक माह एवं कृष्ण पक्ष
- तृतीया तिथि: 21 /22 अक्टूबर मध्य रात्रि 01:22 तक
आज के दिन से अगले पाँच दिनों तक मनाए जाने वाले त्यौहार ‘दिवाली’ की औपचारिक शुरुआत हो जाती है। आज सभी लोग अपने स्वस्थ तथा सुखी एवं समृद्धशाली जीवन के लिए आराधना करते हैं। धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। पूरे वर्ष में सिर्फ आज का दिन ही ऐसा है जब हम मृत्यु के देवता यम को प्रसन्न करने के लिए अपने घर के दक्षिणी दिशा में दीप प्रज्ज्वलित करते हैं।
धनतेरस, जैसा कि नाम से ही परिलक्षित होता है, आज के दिन लोग धन वृद्धि के लिए पूजा करते हैं और सोने तथा चाँदी के गहने, बर्तन इत्यादि की ख़रीददारी करते हैं। आज लोग शुभता के प्रतीक भगवान गणेश, समृद्धि तथा वैभव की देवी लक्ष्मी तथा धन के देवता कुबेर की बहुमूल्य धातुओं से बनी मूर्तियाँ भी खरीदते हैं।
कहा जाता है कि आज के दिन सोने-चांदी के सिक्के खरीदने से हमारे जीवन में भाग्य और सकारात्मकता की वृद्धि होती है।
धनतेरस 2014: पूजा विधि
धन तेरस के दिन यह कुछ विधियाँ संपन्न की जाती हैं:
- मिट्टी से बने हुए दीये आज के दिन के मुख्य आकर्षण होते हैं। साथ ही यह हमारे जीवन में खुशियों के प्रकाश का द्योतक भी है।
- आज सूर्यास्त के बाद सबसे पहला दीया हम मृत्यु के देवता यम के लिए जलाते हैं, जिसे यम दीप कहा जाता है। इस दीये में चारों दिशाओं में चार बत्तियाँ जलानी चाहिए, साथ ही इसमें सरसों के तेल का प्रयोग किया जाना चाहिए और दीया घर के बाहर या छत पर दक्षिण दिशा में यम देवता को प्रणाम करते हुए जलाना चाहिए।
- इसके उपरांत यम देवता को तांबे के बर्तन से शुद्ध जल अर्पित करें।
- अब भगवान गणेश, लक्ष्मी तथा कुबेर की मूर्तियों को स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें।
- देवी-देवताओं की पूजा में दीये में देशी घी या तिल के तेल का प्रयोग करें।
धनतेरस 2014: पूजा मन्त्र
यम दीप मन्त्र:
म्रत्युनाम पासहस्तेन कालेन भार्यापास त्रयो I
दास्याम दीप्दानाम सुर्यज त्रिछत्तामिवि II
कुबेर मन्त्र:
धनदाय नमस्तुभ्यम निधिपद्माधिवाय च I
भवन्तु त्वत्प्रसादान्मे धन धन्यदिसेम्पध II
लक्ष्मी मन्त्र:
महालक्ष्यमये च विधमहे , विष्णुपतन्ये च धीमहे तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात II
धनतेरस 2014: आज के दिन का महत्त्व
आज का दिन धन्वन्तरि देवता के नाम पर पड़ा है, जो हमारे हिन्दू धर्म में औषधियों के देवता माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और असुरों के बीच मुकाबला हो रहा था तब क्षीर सागर से अमृत का कलश लिए हुए धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेदा का प्रारम्भ तभी से हुआ और तभी से आज का दिन धन्वन्तरि देव को समर्पित है।
आज का दिन यम दीप दान के नाम से भी प्रसिद्ध है। आज के दिन मृत्यु के देवता यम से सम्बंधित कुछ कथाएँ प्रचलित हैं। राजा हिम के पुत्र को श्राप था कि उसकी मृत्यु विवाह के चार दिन बाद साँप के काटने से हो जाएगी। विवाह के उपरांत जब इस बात की जानकारी उसकी पत्नी को हुई, तो चौथे दिन की रात्रि को उसने अपने घर में रौशनी करने के लिए दिए जलाये और पूरी रात अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए जगी रही। परिणामस्वरूप, सर्प रूपी यम वहाँ प्रवेश नहीं कर सके और राजा हिम के पुत्र के प्राणों की रक्षा हो सकी। यह मृत्यु रूपी अंधकार से जीवन रूपी प्रकाश का भी द्योतक है।
हमें उम्मीद है कि धनतेरस से सम्बंधित सारी जानकारियाँ आपको प्राप्त हो गई होंगी। यदि आज आप पूरी श्रद्धा और भक्ति से अपने सुखी और समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना करेंगे तो यह ख़ुशियाँ आपको अवश्य प्राप्त होंगी।
हम आपके मंगलमय धनतेरस की कामना करते हैं।
आज का पर्व!आज की सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स आज भोम प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से आपको उनका अपार आशीर्वाद प्राप्त होगा।
आपका दिन मंगलमय हो!
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