पंडित हनुमान मिश्रा
मंगल, शनि और राहु का गोचरीय सम्बंध! कितना भीषण? कितना भयानक?:
12 मार्च की शाम 7:36 पर मंगल ग्रह अपनी ही राशि मेष में जा रहा है। यह मेष राशि में 23 मई तक रहेगा। यद्यपि यह अपनी ही राशि में है फ़िर भी मंगल की स्थिति को अनुकूल नहीं कहा जाएगा। मंगल अग्नि तत्त्व का ग्रह है। मेष राशि भी अग्नि तत्त्व की मानी गई है। साथ ही मंगल अपनी सातवीं दृष्टि से तुला राशि में स्थित शनि और राहु को देखेगा। यानी कि मंगल ग्रह राहु और शनि ग्रह से समसप्तक रहेगा। इस प्रकार इनका आपस में दृष्टि सम्बंध बनेगा। मंगल और राहु के सम्बंध को अंगारक योग माना गया है वहीं शनि को बारूद का कारक तो मंगल को आग माना गया है।
अत: गर्मी बहुत तीव्रता से बढेगी। देश और दुनिया में आग लगने की घटनाओं में बेतहाशा बृद्धि होगी। चमड़ा, तेल, मशीनरी, बिजली, बिजली के उपकरण आदि का उद्योग प्रभावित होगा। चमड़ा, तेल, मशीनरी आदि की फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं देखने को मिलेंगी। सड़क दुर्घटनाओं में बिजली के उपकरणों के खराब होने से भी व्यवस्था बाधित होगी। बिजली आपूर्ति में भी परेशानी होगी। पुलिस, सेना, मुक्केबाज, खिलाडी और शल्य चिकित्सा से जुड़े लोगों के लिए भी समय अधिक ठीक नहीं कहा जाएगा।
मंगल और राहु के कारण बने अंगारक योग के कारण आगजनी की घटनाएं बढेंगी। रेलगाडियों में आग लगने के योग बन रहे हैं। दूरसंचार व्यवस्था में भी प्रभाव पडेगा। क्योंकि इस संदर्भ में तुला और मेष राशियां सर्वाधिक प्रभावित हो रही है अत: रिलायन्स और आइडिया के नेटवर्क प्रभावित रह सकते हैं। इंटरनेट सेवाएं भी बीच बीच में बाधित होती रहेंगी।
मंगल और वक्री शनि का दृष्टि सम्बंध कुछ जगहों पर ज्वालामुखी फटने या भूकंप की सम्भावनाएं भी हैं। मंगल, राहु और शनि का संबंध किसी बडी आतंकवादी घटना का भी इशारा कर रहा है। यह घटना पश्चिमी राज्य या देश में हो सकती है। साथ ही मेष राशि में स्थिति मंगल किसी दक्षिणी राज्य के लिए भी खतरनाक सिद्ध हो सकता है। दक्षिण के किसी राज्य में कुछ विस्फोटक घटनाएं हो सकती हैं। मंहगाई में और बृद्धि होगी। जनता में असंतोष फैलेगा। नेताओं में भडकाऊं भाषण देने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। विदेश में निवाश करने वाले भारतियों को पीडा हो सकती है।
राहु अभी बृहस्पति के नक्षत्र विशाषा में है अत: अभी एक पखवाडे तक सोने की कीमत में गिरावट जारी रह सकती है। बृहस्पति के नक्षत्र में स्थित राहु पर मंगल की दृष्टि होने के कारण कोई धार्मिक विवाद भी पनपने की सम्भावना है। किसी बड़े नेता को कष्ट भी हो सकता है। पूर्वी क्षेत्रों में युद्ध जैसी स्थितियां निर्मित हो सकती हैं वहीं उत्तर पश्चिम में परेशानी और झगड़े होने के योग बन रहे हैं। भारत में कश्मीर मारवाड और तमिलनाडु पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत रहेगी।
अत: 23 मई तक सबको वाहन आदि सावधानी से चलाने चाहिए। विशेषकर तुला, मेष, वृश्चिक, मकर और कुम्भ राशि वालों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।
मंगल, शनि और राहु का गोचरीय सम्बंध! कितना भीषण? कितना भयानक?:
12 मार्च की शाम 7:36 पर मंगल ग्रह अपनी ही राशि मेष में जा रहा है। यह मेष राशि में 23 मई तक रहेगा। यद्यपि यह अपनी ही राशि में है फ़िर भी मंगल की स्थिति को अनुकूल नहीं कहा जाएगा। मंगल अग्नि तत्त्व का ग्रह है। मेष राशि भी अग्नि तत्त्व की मानी गई है। साथ ही मंगल अपनी सातवीं दृष्टि से तुला राशि में स्थित शनि और राहु को देखेगा। यानी कि मंगल ग्रह राहु और शनि ग्रह से समसप्तक रहेगा। इस प्रकार इनका आपस में दृष्टि सम्बंध बनेगा। मंगल और राहु के सम्बंध को अंगारक योग माना गया है वहीं शनि को बारूद का कारक तो मंगल को आग माना गया है।
अत: गर्मी बहुत तीव्रता से बढेगी। देश और दुनिया में आग लगने की घटनाओं में बेतहाशा बृद्धि होगी। चमड़ा, तेल, मशीनरी, बिजली, बिजली के उपकरण आदि का उद्योग प्रभावित होगा। चमड़ा, तेल, मशीनरी आदि की फैक्ट्रियों में आग लगने की घटनाएं देखने को मिलेंगी। सड़क दुर्घटनाओं में बिजली के उपकरणों के खराब होने से भी व्यवस्था बाधित होगी। बिजली आपूर्ति में भी परेशानी होगी। पुलिस, सेना, मुक्केबाज, खिलाडी और शल्य चिकित्सा से जुड़े लोगों के लिए भी समय अधिक ठीक नहीं कहा जाएगा।
मंगल और राहु के कारण बने अंगारक योग के कारण आगजनी की घटनाएं बढेंगी। रेलगाडियों में आग लगने के योग बन रहे हैं। दूरसंचार व्यवस्था में भी प्रभाव पडेगा। क्योंकि इस संदर्भ में तुला और मेष राशियां सर्वाधिक प्रभावित हो रही है अत: रिलायन्स और आइडिया के नेटवर्क प्रभावित रह सकते हैं। इंटरनेट सेवाएं भी बीच बीच में बाधित होती रहेंगी।
मंगल और वक्री शनि का दृष्टि सम्बंध कुछ जगहों पर ज्वालामुखी फटने या भूकंप की सम्भावनाएं भी हैं। मंगल, राहु और शनि का संबंध किसी बडी आतंकवादी घटना का भी इशारा कर रहा है। यह घटना पश्चिमी राज्य या देश में हो सकती है। साथ ही मेष राशि में स्थिति मंगल किसी दक्षिणी राज्य के लिए भी खतरनाक सिद्ध हो सकता है। दक्षिण के किसी राज्य में कुछ विस्फोटक घटनाएं हो सकती हैं। मंहगाई में और बृद्धि होगी। जनता में असंतोष फैलेगा। नेताओं में भडकाऊं भाषण देने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। विदेश में निवाश करने वाले भारतियों को पीडा हो सकती है।
राहु अभी बृहस्पति के नक्षत्र विशाषा में है अत: अभी एक पखवाडे तक सोने की कीमत में गिरावट जारी रह सकती है। बृहस्पति के नक्षत्र में स्थित राहु पर मंगल की दृष्टि होने के कारण कोई धार्मिक विवाद भी पनपने की सम्भावना है। किसी बड़े नेता को कष्ट भी हो सकता है। पूर्वी क्षेत्रों में युद्ध जैसी स्थितियां निर्मित हो सकती हैं वहीं उत्तर पश्चिम में परेशानी और झगड़े होने के योग बन रहे हैं। भारत में कश्मीर मारवाड और तमिलनाडु पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत रहेगी।
अत: 23 मई तक सबको वाहन आदि सावधानी से चलाने चाहिए। विशेषकर तुला, मेष, वृश्चिक, मकर और कुम्भ राशि वालों को विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।
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